------जूनून के साथ में सही जानकारी और सही तैयारी का होना बहुत जरूरी है----
तैयारी और हिम्मत |
आज का यात्रा वृतांत थोड़ा लंबा है क्योकि बताने का मजा तभी है जब अपने भाव भी बताये और पढ़ने वाला महसूस करे जैसे वो भी साथ ही था।
सुबह 5:30 बजे नींद खुल गयी और तक़रीबन 15 मिनट बाद में अपना कैमरा लेकर में कमरे से बहार निकल आया और सूरज की किरणों से सामने वाले पहाड़ पर लालिमा खूब मन भा रही थी। शान्त जगह ,पहाड़ , चिडयों की चह-चाहट और ठंड और ऐसा नज़ारा हर दिन मिले ऐसा प्रकर्ति से लगाव रखने वाला हर इंसान सोचता है। कुछ फोटो लिए और वापस रूम में गया तो धीरेन्द्र भी जाग गया था और में तौलिया लेकर चला जिससे सुबह के सबसे जरूरी काम पूरे किये जाये और उस पर जब में बाथरूम में गया तो में ऐसा डरा जैसे लडकिया कॉकरोच , छिपकली या चूहे को देख कर डरती है , क्योकि वहा एक देसी जुगाड़ पानी गरम करने वाला बाथरूम में लटकाया हुआ था वह भी टंकी के पास और उसके तार स्विच बोर्ड में लगे हुए थे, पहले डरते हुए उसे निकाला क्योकि चप्पल भी गीली थी और फिर नहाया। नाश्ता करने के लिए हम चामुंडा होटल में ही गए और सही 7:30 बजे हम सब ने पराठे खाये क्योकि उसके पास ज्यादा आलू भी नहीं थे, खैर जूस और पराठे से भूख को खत्म किया। सामान लिया ओर पैसा दिए और निकल पड़े सच पास की भयंकर जानलेवा चोटी की औऱ।
बैरागढ़ से चलते वक़्त |
तजुर्बा सबसे बड़ा अध्यापक होता है |
चादर ट्रेक (लेह) में भी ऐसा ही झरना है |
अनगिनत जमे हुए शानदार झरनों में से एक |
लगभग 12-15 ऐसे खतरनाक टुकड़े पार कर हम पहुँच गए सच पास और यहाँ पर आने के बाद जो खुशि मिली शब्द कम पड़ जाये। अंदर मंदिर में जयकारे लगाए और प्रार्थना की और आराम से जूस पिया हम चारो भाइयो ने। कुछ फोटो लिए और चलने का फैसला लिया क्योकि समय हो गया था 2 pm . क्या, 35 किलोमीटर हमने 5:30 घन्टे में पुरे किये ----- शुक्र है किये तो।
@ सच पास |
आज सोचता हु की में जब चिलाता था जीरो की स्पीड से जीरो की स्पीड से तो हँसी आती है शून्य तो शून्य होता है लेकिन जब खुद एक कदम न रख पाओ उसपर बाइक भी सम्हालनी है और वो फिसल भी रही हो , और साइड में 100-150 मीटर गहरी खाई हो तो ऐसा ही होता है ,ऐसा एक पल भी विडियो में है देखिएगा।
खैर हिम्मत के साथ हमने काफी जमे हुए झरने और बर्फ वाले हिस्सो को पार किया। सूरज ढल गया था और अँधेरा में हम फारेस्ट चौकी पर पहुँचे .यानि 20 किलोमीटर 4:30 घन्टे में। अब हम बिलकुल थक चुके थे और इतने भयंकर पत्थर से भरे उबड़ खाबड़ रास्ते पर तेज गति से बाइक चला रहे थे। उसमे भी मेने काफी जगह एक हाथ से बाइक चलायी और एक हाथ से रिकॉर्डिंग की क्योकि मेरा गो प्रो कैमरा लेह में स्टॉक कांगड़ी सम्मिट के दौरान खो गया था।
सही 8 बजे के आस पास हम किल्लाड़ पहुँचे और PNB के ATM के सामने होटल है उसमे रुके और शायद 800 रुपये क्रिया था एक कमरे का ,कमरे अच्छे थे। भूख बहुत भयंकर वाली लगी थी इसीलिए वहा का एक मात्र वैष्णो ढाभा ,मनोज भोजनालय पर पहुँच गए और क्या जबरदस्त स्वादिस्ट खाना खिलाया दिल खुश हो गया. इतना थकने के बाद भी सभी एक रूम में आये और वापस ताश का खेल शुरू आखिर मानसिक थकान भी तो मिटानी थी। और आज भी योगी भाई हार गए लेकिन कल जीत का परचम लहराने की बात करते हुए 11 बजे अपने कमरे में चले गए।
एक एक बूंद पानी से जमे 15-20 फुट तक के साइकल्स |
इसी बैंक एटीएम के सामने होटल में रुके |
बून्द बून्द से जमे ज़िन्दगी , कुछ ऐसा ही बया करती ये जगह |
दुनिया की सबसे खतरनाक रोड। . किल्लाड़ से किश्तवाड़ |
बर्फ में बाइक चलाते वक़्त कुछ अवश्य बाते:
1 - संयम - कभी भी जल्दबाज़ी न करे बर्फ में ,नहीं तो दुर्घटना होगी ही।
2 - आगे वाले ब्रेक कभी भी न लगाए क्योकि इससे हमेशा टायर फिसलेगा हैंडल घूमेगा।
3 - हमेशा पहाड़ की तरफ चले , गलती से भी खाई की तरफ न जाये बर्फ में।
4 - बर्फ में हमेशा साथी दोस्तों की मदद ले और उनके साथ ही चले,क्योकि अगर कही फिसले या धक्का लगाना पड़े तो वो सम्हाल तो लेंगे , मुसीबत कह कर नहीं अति।
5 - जब भी बर्फ में चलाये जितना ज्यादा धीमे चला सके उतना अच्छा क्योकि नियंत्रण भी उतना अच्छा रहेगा और ब्रेक भी कम लगाने पड़ेंगे (0-10 की स्पीड ज्यादा से ज्यादा)
6 - बाइक के टायर की गुड्डी (डिजाईन) का बड़ा महत्व है।
सावधानी और सुरक्षा सबसे पहले ...... जीवन है तो समय ही समय है
youtube channel link: Vikas Malik – YouTube
Blogs in English: The Himalayan Blog - A Journey of Adventure
यात्रा का पहला भाग पढ़ने के लिए :Alive to Explore: एक तूफानी सफर,पहला इंसान जिसने दिसम्बर महीने में सच पास पार किया,मोटरसाइकिल पर ( भाग -1 )
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सच पास विडियो :
सच पास विडियो :
मोटे अंगूर के जैसे |
सच पास की चोटी ,पीछे |
प्रकर्ति का अपना हिसाब |
आम नज़ारे , पुरे रासते |
बहुत ज्यादा मुश्किल सफर , लेकिन आनन्दमयी |
सही जगह थी |
चैंपियंस |
बहोत ही बढ़िया यात्रा व्रतांत लगे रहो सनी भाई
ReplyDeleteShujkriya Lokendra Bhai
Deleteगुरूदेव प्रणाम स्वीकार करें...
ReplyDeleteमैं सोच रहा था कि आप रोहतांग के रास्ते कैसे वापस लौटेंगे, यह देखना रोमांचक होगा.. लेकिन किश्तवाड़ से वापस लौटने का निर्णय बहुत सही था... मेरी भी इच्छा है किश्तवाड़ से किलाड़ तक सर्दियों में ट्रैकिंग करने की... क्योंकि किसी गाड़ी या बाइक का तो सवाल ही नहीं...
मिलूँगा आपसे किसी दिन.... छा गये आप...
Itni bade bari shabdo ke liye shukriya neeraj bhai.
DeleteJald hi mulakat hogi
जबरदस्त यात्रा .....आप तो रोमांच के भी पार चले गये ....
ReplyDeleteऐसे चित्र कम ही देखने को मिलते है ...इन चित्रों का साइज ब्लॉग में कुछ बड़ा किया जा सकता है
ritesh bhai mere ko nahi pata ki accha editor kaun sa hai jo photo ki quality ko bigade bina acche se compress kar de. nahi to bhaut sare pics dalu.
DeleteVispgotak Tour ji 👍👚 💥thaa thaa
ReplyDeleteShukriya Shukhdev Bhai.
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