जब आपके साथ कोई यात्रा करता है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी होती है , किसी को छोड़ कर मत भागिए
मई से लेकर नवम्बर तक ये रास्ता खुला रहता है। दिल्ली से हरिद्वार फिर उत्तरकाशी आना पड़ता है, जो 390 किलोमीटर है और फिर उत्तरकाशी से भैरो घाटी चौकी की दूरी 85 किलोमीटर है । नेलांग घाटी में जाने के लिए आपको उत्तरकाशी के उप प्रभागीय न्यायधीश और जंगल विभाग से आज्ञा लेनी पड़ती है तभी आपको भैरो घाटी की चौकी से आगे जाने की आज्ञा मिलती है। आज्ञा के लिए आप अब इंटरनेट से ऑनलाइन भी आवेदन सकते है लेकिन फिर भी आपको वहा के किसी टूर ऑपरेटर का सहारा लेना पड़ेगा क्योकि आवेदन में आपका पहचान पत्र और टूर ऑपरेटर की जानकारी जरुरी है।
मै 13 मई को गंगोत्री ,तपोवन की यात्रा पर जाने वाला हु तो आप सब को सब सही जानकारी दूंगा की क्या कैसे करे और वेबसाइट की सब जानकारी भी दूंगा अपनी यूट्यूब के माध्यम से और ब्लॉग के माध्यम से भी । नेलोग घाटी का ऑनलाइन आवेदन शुरू होना था इसीलिए मेने पहले ही जाने का मन बना लिया था। नेलांग घाटी एक ठंडा रेगिस्तान समान घाटी है जैसे की स्पीति घाटी या लेह लदाख। यहाँ 25 किलोमीटर तक ही पर्यटक को जाने की अनुमति है और रात में यहाँ रुकने की अनुमति नहीं है। 2015 में पर्यटन के लिए खोलने से उत्तरकाशी के निवासीयो के लिए काफी रोजगार बढ़ा है लेकिन हर पहलू के नुकसान भी है। ग्रतांग गली की लकड़ी के पुल के आलावा यहाँ एक लाल देवता का छोटा सा मंदिर भी बनाया हुआ है। यहाँ पर भोइतया जाती के लोग रहते थे जिन्हे लड़ाई के वक़्त अपना गाँव छोड़ कर जाना पड़ा और भैरो घाटी में विस्थापित होना पड़ा।
सावधानी और सुरक्षा सबसे पहले ...... जीवन है तो समय ही समय है
ग्रतंग गली -नेलांग घाटी, फोटो सौजन्य : गूगल इमेज |
अभी लाहौल स्पीति की यात्रा को मुश्किल से 14 दिन ही हुए थे और बहुत भयंकर परिस्थिति से निकलने के कारण मन कही घूमने जाने का नहीं था ,लेकिन 3 महीने पहले ही हमारे ग्रुप मीटिंग के लिए ये तारिक तय थी ।मिलने का कार्यक्रम चुड़धार महादेव का बना हुआ था लेकिन ताज़ा बर्फ़बारी की और रास्ता जयादा कठिन होने की वजह से सभी सहमति से चुड़धार का मना किया और फिर नेलांग घाटी का प्रस्ताव रखा। सभी आपस में मिलना और घूमना चाहते थे इसीलिए सभी तैयार हो गए। अभी नेलांग घाटी के बारे में बताता हु आप सभी को। नेलांग घाटी 1962 के युद्ध के बाद आम इंसान के लिए बंद कर दी गयी थी। ये उत्तरकाशी जिले में है और गंगोत्री जाते वक़्त भैरो घाटी के बाद उलटे हाथ पर पुलिस चौकी के पास से इसका रास्ता है। नेलांग घाटी से तिब्बत जाने का रास्ता है। ये रास्ता जयादा तर सामान की आवाजाही के लिए इस्तेमाल होता था जैसे रेशम ,नमक। लेकिन 1962 के हिन्द-चीन युद्ध की वजह से ये घाटी बंद कर दी गयी क्योकि तिब्बत तक चीन ने जबरन अपना अधिकार जमा लिया था और इसका एक मात्र कारण हमारी कमजोर राजनितिक सरकार थी। यहाँ पर एक लकड़ी का पुल है जो सामान ले जाने के लिए इस्तेमाल होता था जिसका नाम है ग्रतांग गली और न.आई.म यानि नेहरू इंस्टिट्यूट मोंटेनेरिंग को इसके मरमत का काम दिया गया है इस साल , जिससे आम आदमी के पर्यटन के हिसाब से शुरू की जा सके।
यात्रा पर जाये तो मर्यादा का ध्यान रखे , माँसाहार ,शराब और कोई गलत काम ना करे जिससे वहा की पवित्रता ख़राब हो। नहीं तो प्रकर्ति अपना हिसाब लेना जानती है।
फोटो सौजन्य : गूगल इमेज |
मई से लेकर नवम्बर तक ये रास्ता खुला रहता है। दिल्ली से हरिद्वार फिर उत्तरकाशी आना पड़ता है, जो 390 किलोमीटर है और फिर उत्तरकाशी से भैरो घाटी चौकी की दूरी 85 किलोमीटर है । नेलांग घाटी में जाने के लिए आपको उत्तरकाशी के उप प्रभागीय न्यायधीश और जंगल विभाग से आज्ञा लेनी पड़ती है तभी आपको भैरो घाटी की चौकी से आगे जाने की आज्ञा मिलती है। आज्ञा के लिए आप अब इंटरनेट से ऑनलाइन भी आवेदन सकते है लेकिन फिर भी आपको वहा के किसी टूर ऑपरेटर का सहारा लेना पड़ेगा क्योकि आवेदन में आपका पहचान पत्र और टूर ऑपरेटर की जानकारी जरुरी है।
उत्तरकाशी में कुछ टूर ऑपरेटर नेलांग या बाइक राइडिंग के नाम पर भयंकर लूट मचा रखी है। में इसकी सही कीमत जानता हु इसीलिए ऐसा बता पा रहा हु। आज्ञा के लिए आपको 150 रूपया जंगल विभाग और 500 रूपया शायद उप प्रभागीय न्यायधीश की राशि जमा करनी होती है , और वाहन की 400 रूपया। और ये लोग 7-8 हजार रूपया लुट रहे है 2 दिन रुकने, खाने और नेलांग घाटी घुमाने का एक आदमी से। जबकि 500-1000 रुपये का शानदार होटल में कमरा मिल जाता है। अगर इनको 2 हजार रूपया भी दे दे एक इंसान की आज्ञा का क्योकि घर उनको भी चलना है उनका ये ही व्यवसाय है , तो भी खाना , रहना और आज्ञा का मिला कर सब हिसाब लगाया ,औसतन ३ दिन का 3-4 हजार से ज्यादा खर्च नहीं आता। तो ये टूर ऑपरेटर से एक आदमी से 4 हजार रुपये की बचत कम से कम कर रहे है । लूट मचा रखी है अपना पन दिखा कर।
मै एक ऐसा ऑपरेटर ढूंढ रहा हु जो जयादा कमाई के चक्कर में न हो इसीलिए जल्द ही आपके सामने सब जानकारी दूंगा जिससे आप सभी वहा घूम सके। एक उत्तरकाशी का टूर ऑपरेटर मेरे काफी दोस्त जानते है उसको और काफी दोस्तों के साथ भी जुड़ा हुआ है फेसबुक पर ,मेरे साथ भी फेसबुक पर है लेकिन वो भी जमकर लूट रहा है इसीलिए मेने उसको unfollow कर रखा है । अगर आप पांच जन हो तो उत्तरकाशी से नेलांग घाटी और वापस उत्तरकाशी आने का खर्चा 3-4 हजार हद से हद है टैक्सी समेत , और अगर कोई इससे ज्यादा आपसे ले रहा तो वो आपको जमकर लूट रहा है।
लकड़ी की सीढ़ी का रास्ता। फोटो सौजन्य : गूगल इमेज |
लाल देवता का मंदिर , फोटो सौजन्य : गूगल इमेज |
ये इतिहास और वो लकड़ी की सीढी जो पहाड़ के साथ साथ बनी हुई है , इन्होने ही प्रेरित किया घूमने के लिए । इसीलिए मेने अपने यात्रा चर्चा नामक व्हाट्स एप्प ग्रुप में चर्चा की और दिल्ली से संदीप भाई और अखिलेश आदर्शी , मेरठ से डॉक्टर अजय , पठानकोट से डॉक्टर अनुभव, मथुरा से नरेश भाई और अमित भाई के साथ 13 अप्रैल मध्य रात्रि मेरठ घर से यात्रा प्रस्थान होने का निर्णय हुआ । अनुभव भाई का रुड़की मिलने का प्रोग्राम था। ये एक यादगार यात्रा की शुरुवात है।
उम्मीद है आप सभी को यात्रा वृतांत अचछा लगा होगा।
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फोटो सौजन्य : गूगल इमेज |
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बहुत ही बढ़िया जानकारी दी भाई आपने चूड़धार यात्रा भी 13 को ही शुरू होगी नोहराधार से आप का गंगोत्री यमनोत्री तपोवन प्लान नही होता तो मजा आता साथ में चूड़धार की ट्रैकिंग का
ReplyDeleteयात्रा विवरण बहुत ही अच्छा अगले लेख का इंतज़ार रहेगा
कोशिश जल्द ही आपसे मुलाक़ात की होगी । जानकारी जैसी है वो कोशिश की देने की आप को वृतांत अच्छा लगा .. मतलब पास
Deletebahut achi jankari diya apne
ReplyDeleteधन्यवाद सिन्हा जी , एक कोशिश करी है सभी को इन tour operator के बारे में बताने की
DeleteShandar sunny bhai tapovan mai mouny baba hai aisa pada hai boht hi pahuche huve baba hai aisa pada hai mulakat jarur krana
ReplyDeleteवसंत भाई देखते है कही मिल गए तो ठीक नहीं तो कोई बात नहीं .. थोड़ी जानकारी ही मिलेगी अगर वो मिले ... एक pen copy ले जाऊँगा उनके लिए .. वैसे में's देखा और पढ़ा भी है कुछ ख़ास प्रभावित नहीं हुआ में उनसे .. seems he is busy in money making now
DeleteBhahut achha Sunny Bhai... continue kro.... aap ne bhi parts m likhna shuru kr hi dia....
ReplyDeleteजी नहीं , में यात्रा को कोशिश करता हु २-३ भाग में लिख दूँ लेकिन ये यात्रा ३ दिन की थी और इसमें पहले दिन का वृतांत काफ़ी लम्बा हो जाता नेलोंग घाटी की जानकारी के साथ इसीलिए कम लिखा ...
Deleteशानदार यात्रा वृतांत बहुत अच्छी जानकारी उनके लिए जो नेलोंग बैली की सुंदरता को देखना व निहारना चाहते है और रोमांचक यात्रा करने का आनंद लेना चाहते है बहुत सुंदर लेखन इस यात्रा का हिस्सा बन कर अच्छा महसूस कर रहा हु 🙏🙏
ReplyDeleteतुम तो छोटे भाई हो , यात्रा ग्रूप ने होता तो शायद पता हि नहीं होता की समुन्दर में और कितने सिप है ... यात्रा का आधा मज़ा तो तुम्हारी वजह से ही था बाक़ी डॉक्टर की वजह से
Deleteबहुत ही बढ़िया जानकारी sunny bro
ReplyDeleteधन्यवाद सुनील भाई जी
Deleteआपकी इस पोस्ट को पढ़ने के बाद नेलांग न पहुँच पाने का बड़ा दुःख हो रहा है। इतनी सुंदर घाटी को हर कोई देखना चाहेगा। बहुत सुंदर पोस्ट सनी भाई 💐🙏
ReplyDeleteनरेश भाई किसी भी weekend पर घूम आएँगे Neylong valley तो ... अब कभी किसी चीज़ की इच्छा हो और वो पहली बार में ना मिले तो जिज्ञासा और बढ़नी स्वाभाविक है ....
Deleteबढ़िया प्रयास भाई घुमक्कड़ों को टूर ऑपरेटरों के चंगुल से निकालने का । इस तरह लोग जागरूक होंगे तो कम से कम कोई ठगा तो नहीं जायेगा । बढ़िया फोटो (गूगल के ही सही, छांटे तो आपने ही हैं) ।
ReplyDeleteहाहाहा.. धन्यवाद कौशिक भाई , मेरा वो ही मंत्र .. वैसा इंसान बनो जैसे इंसान से आप मिलने चाहते हो ... सो किसी लूटेरे से कौन मिलना चाहेगा
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ReplyDeleteBahut Bahut Dhanyawad.Is jankari ne majbur kar diya tippni krne Ko . Anytha aaj tak "silent follower" tha. Aapke sabhi Yatra viratant bahut atmiyata se padhta hu tha agle ka besabri se intezar rahta hai.
Thanks for such compliment ... अभी चार महीने से एक नयी शुरुआत की है , सत्य और ईमानदारी से यात्रा वृतांत लिखता हु इसीलिए २-३ भाग में वृतांत ख़त्म हो जाता है ..जिससे जो भी अपना पढ़े वो साथ में होना महसूस करे और अनजान पड़े तो वो भी अपना गो जाए . जल्द ही दूसरा भाग यात्रा का प्रकाशित करूँगा
DeleteBahut badhiya jankari
ReplyDeleteधन्यवाद गिरी भाई
Deleteभाई सबसे पहिले तो ब्लॉग की शुरुवात में लिखा आपका सुझाव काबिले तारीफ है, दूसरा आप लोगों के साथ शामिल न हो पाने का अफसोस , खैर अच्छी शुरुवात है अगले अंक का बेसब्री से इंतज़ार
ReplyDeleteचंद्रेश भाई हर ब्लॉग में सबसे ऊपर अपने दिल की बात लिखता हु एक लाइन में ... समूह यात्रा में आपको और काफ़ी भाइयों को सभी ने miss किया ...और अगले दोनो भाग जल्द ही लाऊँगा
DeleteNice information Thanks.
ReplyDeleteKeep informing us for any progress. Like to visit in near future.
Definitely Dhiren, But will post all details after I will complete my Tapovan trip as by the time I will get a proper tour operator detail for all fellow travelers .... it's a good place to visit and right now hot cake for any traveler
Deleteजानकारी के अभाव में तो हर जगह लुटाई है। बढ़िया लेख।
ReplyDeleteललित जी आपका comment हमेशा उत्साह बढ़ता है .. धन्यवाद
Deleteबहुत बढिया जानकारी भाई जी।जिन महाशय का आप जिक्र कर रहे हैं उन्होंने ही ये लूट करवा रखी है।भौगोलिक रूप से देखें तो नेलांग घाटी लद्दाख या तिब्बत का ही हिस्सा है जिसे माधो सिंह भंडारी ने तिब्बत से वापिस लिया था।कभी तिब्बत की सीमा धरासू बैंड तक थी।
ReplyDeleteबेहतरीन जानकारी इतिहास की .. और मुझे यक़ीन है की काफ़ी घूमने वाले ख़ुश होंगे इस पोस्ट से
Deleteनेलोंग वैली के लिए आप खुद परमिशन ले सकते हो पर थोड़ी मेहनत है ऐसा मुझे जोशीमठ के sdm ने कहा था
ReplyDeleteजी प्रतीक भाई .. २ बार दोस्तों को दिलवायी है लेकिन इसमें पूरा एक दिन ख़राब हो जाता है और वो भी जब , जब दोनो विभाग के ऑफ़िसर मिलते है ऑफ़िस में ... अब तो online करवाया था लेने .. online permission मिलनी शुरू हो गयी है .. यात्रा पर सभी 7 भाइयों का registration हो गया था
Deleteबहुत बढ़िया जानकारी।।।।
ReplyDeleteधन्यवाद सोनू भाई
DeleteDear all please this is very good for you it is working now online , but really surprise about the "loot of local tour operators" i think this not true, for you kind information i am also the tour opraters from uttarkashi,and the Secretary of uttarkashi trekking Association please tell us and explore the name of that company who doing this kind of work at uttarkashi, will be take the hard dissension for him and the company, the problem is have so many undernourished peoples working without registration work,it is good for us and association we can find them by you and your post. please tell the Name of person and company.
ReplyDeleteMs Rawat very happy to see ur comment, if you remember me you helped me regarding online registration, ... as I mentioned about the rates to aware the fellow traveler and this blog would have been read by the same person so far .. and if in few days I will get the info about him on his charges for Neylong ... if he will be charging same then I will definitely open the name ... and my all friends knows him very well even around 9-10 have travelled with him , so everyone knows about him ... so it's kind of warning for him . And I will update you soon
Deleteअच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteधन्यवाद नीरज भाई , और बेहतर की कोशिश
DeletePuri duniya explore karne wale dusro ka dhyan rakhte rakhte khi apne hi na chhut jae.😊....ya chhut .gae?
DeleteApka blog padh kar bahut achha laga... Mai Dayara Bugyal jana chahti hu... Yadi aap kuch suggest kar sako to please bataiye...
ReplyDeleteaapne bahut achhi post likhi hai
ReplyDeletehttps://www.mumbaiweather.info/2019/02/fashion-street-of-mumbai.html
इतने बेहतरीन लेख के लिए धन्यवाद। मैंने पूरी पोस्ट का आनंद लिया, जिस तरह से आप लेख को छवियों के साथ व्यक्त करते हैं वह बढ़िया है। हम चाहते हैं कि आप एक बार बीर बिलिंग भी जाएं।
ReplyDeleteThanks for sharing these wonderful images.
ReplyDeleteTaxi Service in India
Cab Service in India
बहुत अच्छी जगह है घूमने के लिए हमें भी दायरा बुग्याल जरूर जाना चाहिए
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